तेरी दीवानी', 'सइयां', 'अल्लाह के बंदे' और 'या रब्बा' जैसे सुपरहिट गानों से लोगों के दिलों पर धाक जमाने वाले मशहूर गायक कैलाश खेर किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। कैलाश की गायिकी मुख्य रूप से भारतीय लोकगीत और सूफी संगीत से प्रेरित है। इस लोकगीत और सूफी संगीत को और बढ़ावा देने के लिए कैलाश खेर 21 नवंबर को दिल्ली में एक बड़ा आयोजन करने वाले हैं।
कैलाश खेर के इस कार्यक्रम का नाम 'मेहर रंगत फेस्टिवल' है। इस कार्यक्रम का आयोजन कैलाश खेर अपने पिता मेहर खेर की 11वीं पुण्यतिथि पर दिल्ली के इंडिया गेट पर लाइव करने वाले हैं। कैलाश खेर के इस कार्यक्रम का मकसद भारत में विलुप्त हो रही विभिन्न कलाओं को बचाना है। इस कार्यक्रम में ढोल, ताशे, नगाड़े और डुगडुगी जैसे वाद्यों की धुनों पर कैलाश खेर खास प्रस्तुति देंगे।
यह लाइव कॉन्सर्ट दिल्ली में इंडिया गेट पर 21 नवंबर को होगा। अमर उजाला से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि उनका मकसद भारत के लोकसंगीत को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कुछ लोक कलाएं विलुप्त होती जा रही हैं इसके बचाने की मुहिम है मेहर रंगत फेस्टिवल।